Deoghar News : Deoghar एम्स (AIIMS Deoghar) ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि समय पर सही उपचार और कुशल डॉक्टर मरीज की जिंदगी बचाने में कितने महत्वपूर्ण होते हैं। बुधवार को एम्स Deoghar के ईएनटी विभाग के डॉक्टरों ने चार वर्षीय बच्चे के गले में फंसे 10 रुपये के सिक्के को केवल 15 मिनट में निकालकर उसकी जान बचाई। बच्चे को बिना किसी जटिलता के पूरी तरह स्वस्थ अवस्था में डिस्चार्ज कर दिया गया। इस घटना के बाद परिजनों के साथ-साथ स्थानीय लोगों ने भी देवघर एम्स की सराहना की है।
जानकारी के अनुसार, दुमका जिले के गोपीकांदर प्रखंड स्थित रांगा मिशन गांव निवासी चार वर्षीय राम मड़ैया खेल-खेल में 10 रुपये का सिक्का मुंह में डाल बैठा। अचानक सिक्का गले में फंस जाने से उसकी सांसें अटकने लगीं और परिजन घबराकर तुरंत उसे दुमका के फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की लेकिन सिक्का निकालने में असफल रहे। इसके बाद बच्चे को देवघर एम्स ले जाया गया, जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों ने उसकी जान बचाई।
देवघर एम्स पहुंचते ही ईएनटी विभाग के डॉक्टर शांतनु और उनकी टीम ने तुरंत स्थिति का आकलन किया। जांच में पता चला कि सिक्का गले के बीचों-बीच फंसा हुआ था, जिससे बच्चे की जान को बड़ा खतरा था। डॉक्टरों ने तत्काल प्रक्रिया शुरू की और महज 15 मिनट के भीतर सिक्का सुरक्षित तरीके से निकाल लिया। इलाज के बाद बच्चे की सांसें सामान्य हो गईं और उसकी हालत स्थिर होने पर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया। परिजनों ने देवघर एम्स प्रशासन और डॉक्टरों को जीवन रक्षक करार देते हुए आभार व्यक्त किया।
यह घटना देवघर एम्स की चिकित्सा क्षमता और विश्वसनीयता का बड़ा उदाहरण है। यहां आधुनिक तकनीक और अनुभवी डॉक्टरों की तत्परता ने मरीजों का विश्वास और मजबूत कर दिया है। अब देवघर एम्स न केवल झारखंड बल्कि पूरे पूर्वी भारत के लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं का भरोसेमंद केंद्र बन चुका है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की सफलता की कहानियां एम्स देवघर को भविष्य में और भी बड़ी चिकित्सा उपलब्धियों की ओर अग्रसर करेंगी।
