Jaisalmer Bus Fire Incident

Jaisalmer Bus Fire Incident : शॉर्ट सर्किट से मचा कहर, 20 लोगों की दर्दनाक मौत, राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने जताया शोक

Jaisalmer Bus Fire Incident : राजस्थान के जैसलमेर में सोमवार को हुए भीषण बस अग्निकांड ने पूरे देश को झकझोर दिया है। वार म्यूजियम के पास खड़ी एक निजी बस RJ 09 PA 8040 में अचानक आग लग गई, जिसमें 20 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और करीब 15 लोग गंभीर रूप से झुलस गए। शुरुआती जांच में हादसे का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। हादसे के वक्त बस में 57 यात्री सवार थे। जैसे ही बस में आग लगी, कुछ यात्रियों ने खिड़कियों से कूदकर अपनी जान बचाने की कोशिश की, लेकिन कई यात्री आग की लपटों में फंस गए। स्थानीय प्रशासन और दमकल की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया, मगर तब तक अधिकांश यात्री जिंदा जल चुके थे।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा खुद घटनास्थल पर पहुंचे और राहत-बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने जिला कलेक्टर प्रताप सिंह नाथावत, एसपी अभिषेक शिवहरे और पोकरण विधायक महंत प्रताप पुरी के साथ बैठक कर स्थिति का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को सहायता राशि देने का आश्वासन दिया और घायलों को बेहतर इलाज के लिए जोधपुर रेफर करने के निर्देश दिए। वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से ₹2 लाख और घायलों को ₹50,000 की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।

हादसे में स्थानीय पत्रकार राजेंद्र सिंह चौहान और केमिस्ट एसोसिएशन के सदस्य मनोज भाटिया भी सवार थे। दोनों पोकरण में एक मेडिकल स्टोर के उद्घाटन कार्यक्रम में जा रहे थे, तभी यह दुर्घटना हो गई। मनोज भाटिया आग से झुलसकर किसी तरह बाहर निकल आए, लेकिन राजेंद्र सिंह बस के अंदर ही फंस गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कई शवों की पहचान तक मुश्किल हो गई है। जिला प्रशासन ने मृतकों की पहचान डीएनए टेस्ट के जरिए कराने का निर्णय लिया है और परिजनों से संपर्क करने की अपील की है।

इस दर्दनाक घटना के बाद पूरे राजस्थान में शोक की लहर है। जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं — 9414801400, 8003101400, 02992-252201, और 02992-255055। सभी मृतकों के शव फिलहाल आर्मी कैंट में रखे गए हैं, जिन्हें सेना के ट्रकों से जोधपुर लाया जा रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और चिकित्सकों को बेहतर इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। राज्य सरकार ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि बस में सुरक्षा प्रोटोकॉल की कौन-कौन सी चूक हुई थी।

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