जमशेदपुर के साकची स्थित रामलीला मैदान में आज की रामलीला का मंचन बेहद रोचक और शिक्षाप्रद रहा। नारद मोह की कथा को जब कलाकारों ने जीवंत मंच पर प्रस्तुत किया, तो दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे। कथा के अनुसार, नारद जी को यह घमंड हो जाता है कि उन्होंने अपनी इंद्रियों पर पूर्ण नियंत्रण पा लिया है। भगवान विष्णु यह देखकर उनके अहंकार को तोड़ने का निश्चय करते हैं और विश्वमोहिनी का रूप धारण करते हैं। विश्वमोहिनी के सौंदर्य और आकर्षण से प्रभावित होकर नारद जी विवाह की इच्छा प्रकट करते हैं। वे भगवान विष्णु से वर मांगते हैं ताकि विवाह संपन्न हो सके। किन्तु विष्णु जी उन्हें बंदर का रूप दे देते हैं, जिसके कारण उनकी अपमानजनक स्थिति बन जाती है।
इस प्रसंग के दौरान जब नारद जी का क्रोध चरम पर पहुंचता है, तो वे भगवान विष्णु को श्राप देते हैं कि एक दिन आप भी पत्नी के लिए तड़पेंगे और बंदर ही आपकी सहायता करेंगे। यह कथा दर्शकों को न केवल मनोरंजन प्रदान करती है, बल्कि जीवन में अहंकार और आत्मसंयम का महत्व भी समझाती है। मैदान में उपस्थित हजारों दर्शक इस अद्भुत मंचन को देखकर भाव-विभोर हो गए। रामलीला की यह झांकी आज के समाज के लिए भी एक गहरा संदेश छोड़ गई कि अहंकार पतन का कारण बनता है और विनम्रता ही सच्ची शक्ति है।
