International News: “ब्रिटेन में काम करने के लिए नया डिजिटल आईडी अनिवार्य होगा।”
“ग़ैरक़ानूनी आव्रजन पर रोक लगाने की योजना के तहत ब्रिटेन में काम करने के लिए डिजिटल आईडी अनिवार्य होगी।”
ब्रिटिश प्रधानमंत्री सर कीर स्टार्मर ने कहा है कि नई डिजिटल आईडी योजना से अवैध तरीके से काम करना मुश्किल हो जाएगा और नागरिकों को “अनगिनत लाभ” मिलेंगे। उनके वरिष्ठ मंत्री डैरेन जोन्स ने इसे “आधुनिक राज्य की नींव” बताया।
हालाँकि विपक्षी दलों ने तर्क दिया कि यह योजना चैनल पार कर छोटी नावों से आने वाले प्रवासियों को रोकने में सक्षम नहीं होगी।
स्टार्मर ने लंदन में आयोजित ग्लोबल प्रोग्रेसिव एक्शन कॉन्फ़्रेंस में विश्व नेताओं के बीच अपने व्यापक भाषण में कहा कि ब्रिटेन में अब तक लोग आसानी से अवैध रूप से काम कर पाए हैं क्योंकि मध्य-वामपंथी राजनीति “स्पष्ट सच्चाइयों को कहने से हिचकिचाती” रही है।
उन्होंने कहा, “यह दयालु वामपंथी राजनीति नहीं है कि हम ऐसे श्रम पर निर्भर रहें जो विदेशी कामगारों का शोषण करे और उचित वेतन को कमज़ोर बनाए। हर देश को अपनी सीमाओं पर नियंत्रण होना ज़रूरी है और हमें यह जानना चाहिए कि हमारे देश में कौन है।”
स्टार्मर ने यह भी कहा कि वह अगला आम चुनाव लेबर पार्टी और रिफ़ॉर्म यूके के बीच “खुली जंग” बनाना चाहते हैं।
वहीं नाइजेल फ़राज़ की अगुवाई वाली रिफ़ॉर्म यूके पार्टी ने प्रतिक्रिया में कहा कि जनता समझ रही है कि “स्टार्मर सिर्फ़ टोरी सरकार की ऊँचे कर और बड़े पैमाने पर आव्रजन वाली नीतियों को ही आगे बढ़ा रहे हैं।” केवल पाँच सांसदों के बावजूद रिफ़ॉर्म यूके पिछले कई महीनों से जनमत सर्वेक्षणों में आगे चल रही है।
प्रधानमंत्री ने संकेत दिया कि आगामी लेबर पार्टी सम्मेलन में उनकी पार्टी के एजेंडे का बड़ा हिस्सा रिफ़ॉर्म यूके को चुनौती देने पर केंद्रित होगा।
ब्रिटिश सरकार ने कहा है कि वह यह सुनिश्चित करना चाहती है कि नई डिजिटल आईडी योजना उन लोगों के लिए भी कारगर हो, जो स्मार्टफ़ोन का उपयोग नहीं कर सकते। इसके लिए इस साल के अंत में एक परामर्श प्रक्रिया (कंसल्टेशन) शुरू की जाएगी, जो तीन महीने तक चलेगी। इसके बाद अगले वर्ष संसद में संबंधित विधेयक पेश किए जाने की संभावना है।
डाउनिंग स्ट्रीट ने स्पष्ट किया है कि लोगों को अपनी आईडी साथ लेकर चलने या हर समय दिखाने की ज़रूरत नहीं होगी। लेकिन 2029 तक, यानी मौजूदा संसद कार्यकाल के अंत तक, ब्रिटेन में काम करने के अधिकार को साबित करने के लिए डिजिटल आईडी अनिवार्य कर दी जाएगी।
नई डिजिटल आईडी मोबाइल फ़ोन पर उपलब्ध होगी, ठीक वैसे ही जैसे कॉन्टैक्टलेस पेमेंट कार्ड या एनएचएस ऐप काम करता है। इसमें व्यक्ति का नाम, जन्मतिथि, राष्ट्रीयता या निवास स्थिति और फ़ोटो शामिल होगी। परामर्श प्रक्रिया में यह भी विचार किया जाएगा कि क्या इसमें पता जैसी अतिरिक्त जानकारी भी जोड़ी जाए।
वर्तमान में नियोक्ताओं को नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों की पहचान की जाँच करनी होती है। सरकार का मानना है कि डिजिटल आईडी से नकली दस्तावेज़ों के उपयोग पर रोक लगेगी और पहचान सत्यापन की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बनेगी।
सरकार का कहना है कि योजना लागू होने के बाद ड्राइविंग लाइसेंस, बाल देखभाल, सामाजिक सुरक्षा और टैक्स रिकॉर्ड तक पहुँच जैसी सेवाएँ भी सरल हो जाएँगी।
हालाँकि विपक्षी दलों ने इस योजना पर सवाल उठाए हैं। रिफ़ॉर्म यूके ने इसे “ग़ैरक़ानूनी आव्रजन पर कुछ किए जाने का दिखावा” बताया। वहीं स्कॉटलैंड की एसएनपी सरकार ने कहा कि वह किसी भी ऐसे कार्ड का विरोध करती है जिसे रखना, साथ ले जाना या माँगने पर दिखाना अनिवार्य हो।
उत्तरी आयरलैंड की फर्स्ट मिनिस्टर मिशेल ओ’नील ने इस प्रस्ताव को “ख़राब तरीके से तैयार” और “गुड फ़्राइडे एग्रीमेंट तथा उत्तरी आयरलैंड के आयरिश नागरिकों के अधिकारों पर हमला” करार दिया।
